उम्मीदों वाली बूँद।
वो भोली सी बूँदें , बारिश की मस्ती बिखराए । हरे पत्तों पर वो एक चमकती हुई बूँद , लुभाती है मन को .. वो मुरझाती कलियों का खिलना यादें का गुजरना , वक्त का बदलना पर नहीं बदली वो , वो भोली सी बूँदें । बुझती हुई प्यास , छाई हुई हरियाली, मन की मुस्कराहट , हवा का बदला मिजाज , बस एक ही बात दोहराए , चाहकर भी कोई भूल न पाए उम्मीदों वाली ये बूंद ।।।